Modi 200 Days
Modi 200 Days लोकतंत्र - तानाशाही - लोकस्वराज ता नाशाही में समस्याओं का समाधान जल्दी कर दिया जाता है जबकी लोक-स्वराज में समस्याएं पैदा ही कम होती हैं । लोकतंत्र में समस्याओं का लगातार विस्तार होता जाता है । भारत सहित दक्षिण एशिया मैं लोकतंत्र है, अतः इस क्षेत्र में समस्याएं पिछली आधी शताब्दी में बढ़ती जा रही हैं । पश्चिम के देशों के लोकतंत्र लोकस्वराज की और झुके हुए होने के कारण वहां समस्याएं कम पैदा होती हैं । कम्युनिस्ट और इस्लामिक देशों में तानाशाही होने से समस्याएं दबा दी जाती है । रूस, ईराक, नेपाल, आदि में तानाशाही के बाद लोकतंत्र आया, इसीलिए वहां अशांति बढ़ रही है । लोकतंत्र यदि लोकस्वराज की दिशा में न बढे तो तानाशाही निश्चित है । भारत में अव्यवस्था थी, और बढ़ रही थी । अतः २०१४ चुनाव परिणाम तानाशाही की तरफ झुके हुए आये । मोदी जी अपने तरीके से समस्याओं का समाधान की दिशा में बढ़ रहे है, किन्तु मोदी जी के किसी कदम से यह नहीं दिखा की वे सहभागी लोकतंत्र अर्थात लोकस्वराज के पक्षधर हैं । ...