AAM AADMI PARTY


आदमी पार्टी के आलोचकों से कुछ प्रश्न:



* यदि अरविन्द केजरीवाल की पार्टी के सत्ता में आने की संभावना नगण्य है तो समस्या कहाँ है ?

* यदि अरविन्द केजरीवाल की पार्टी सत्ता में आ भी जाती है तो वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था की अपेक्षा क्या अधिक बुरा होगा ?

* यदि ग्राम सभा को मामलों में नीति बनाने का अधिकार देना गलत है तो यह कहाँ तक उचित है की संसद वैसी ही नीति बनाए ?

* हमारे राजनेता संसद को कब्जे में रखकर इसी प्रकार मनमानी करते रहें और जनता को कोई वकल्प नहीं दिखा तो जनता अगर लीबिया जैसे हर समस्या का समाधान राजनेताओं को सूली पर चढ़ाना मान ले तो जनता का क्या दोष ?

* भारत में अभी वैसी स्थिति नहीं है क्योंकि भारत में लोकतंत्र है जहां राजनेताओं को वोट की सूली पर चढाने का अधिकार जनता को प्राप्त है । ऐसे में यदि कोई दल यह विकल्प जनता के सामने रखे तो इतनी तिलमिलाहट क्यों ?

* पक्ष-विपक्ष के नाम पर बने एक राजनीतिक गिरोह को तोड़ने का काम अन्ना हजारे करें, रामदेव करें, अरविन्द केजरीवाल करें, आम आदमी पार्टी करे या मीडिया -उसकी समीक्षा होनी चाहिए या आलोचना ?

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