Anna & Politics
-------------- अन्ना चले राजनीति की राह http://www.kaashindia.com/?p=595 अन्ना हजारे ने तीन अगस्त को जंतर मंतर से राजनीतिक पहल की घोषणा कर दी। इस घोषणा पर भले ही राजनीतिक दलों, समर्थकों, आलोचकों और शुभचिंतकों द्वारा मिश्रित प्रतिक्रिया दी जा रही हो लेकिन अन्ना हजारे और उनकी टीम की यह घोषणा राजनीतिक दल बनने की घोषणा भर नहीं है। यह जनता द्वारा सामाजिक आपातकाल की घोषणा है। ऐसा सामाजिक आपातकाल जिसमें जनता अब राजनीतिक शक्तियां अपने हाथ में लेने के लिए आगे बढ़ेगी। मै मानता हुं कि यह सामाजिक आपातकाल सफल हो सकता है और राजनीतिक दलों को सबक भी मिल सकता है बशर्ते टीम अन्ना कुछ सावधानियां बरतते हुए आगे कदम बढ़ाए। जब टीम अन्ना भ्रष्टाचार नियंत्रण को लक्ष्य मानकर लोकपाल की लडाई लड रही थी तब भी हम स्पष्ट कर रहे थे की भ्रष्टाचार भारत की प्रमुख समस्याओ का कारण नहीं है बल्कि वह तो सत्ता केन्द्रित शासन व्यवस्था का परिणाम मात्र है। संघर्ष कारणों के समाधान पर होना चाहिये, परिणामो के समाधान के लिये नहीं। टीम अन्ना इस संघर्ष देश को प्याज की...